आज के समय में भागदौड़ भरी और तनाव पूर्ण में गलत खानपान के कारण हार्ट अटैक किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। आज के समय में युवाओ में बढ़ती हार्ट अटैक की बीमारी बेहद ही ख़ौफनाख है। हार्ट अटैक तब होता है जब आपके ब्लड वेसेल्स ब्लॉक हो जाते हैं और दिल तक ऑक्सीजन और रक्त सही से नहीं पहुंच पाता है। ये ज्यादातर ऑर्टरी में ब्लॉकेज के कारण होता है। रक्त प्रवाह में किसी भी तरह की बाधा के कारण यदि दिल को रक्त की सप्लाई ना हो पाए तो हार्ट अटैक आ जाता है. यह हार्ट अटैक को आम इंसान भी समझने का आसान तरीका हो सकता है। रक्त ही वह पदार्थ है जिसमें सारे पोषक तत्व और पानी होता है जो किडनी, दिमाग, लिवर या हर किसी को एनर्जी, फ्यूल और हाइड्रेशन देता है।
हार्ट अटैक के प्रकार
हार्ट अटैक तीन प्रकार का होता है जो निम्न प्रकार है
एसटी-सेगमेंट एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन
यह हार्ट अटैक सबसे गंभीर और खतरनाक हार्ट अटैक होता है। इस हार्ट अटैक कोरोनरी धमनिया पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती है। यह ब्लॉकेज खून का थक्का जम जाने के कारण होता है। इसमें व्यक्ति को अटैक के समय पर छाती के बीच में दर्द होता है लेकिन यह दर्द बहुत तेज नहीं होता है।
नॉन-एसटी सेगमेंट एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (एनस्टेमी)
हार्ट अटैक आने की वजह कोरोनेरी धमनियों में आंशिक ब्लॉकेज होता है लेकिन दर्द और जकड़न से जुड़े लक्षण स्टेमी यानी एसटी सेगमेंट एलिवेशन माइओकार्डियल इंफार्कशन जैसे ही होते हैं। ब्लॉकेज से खून का बहाव पूरी तरह से नहीं रुकता है इसलिए थोड़ा काम जानलेवा होता है। समय पर उपचार मिलने पर रोगी की जान बच सकती है ।
कोरोनरी आर्टरी स्पैज्म
इस हार्ट अटैक व्यक्ति को जान खतरा पहली बार तो नहीं होता है लेकिन दोबारा हार्ट अटैक आने की संभावना बहुत अधिक होती है. क्योंकि इसमें हृदय की धमनियां बहुत अधिक सिंकुड़ जाती हैं। और समय पर उचित इलाज नहीं करवाने पैर दूसरी बार भी अटैक आ जाता है ।
हार्ट अटैक के कारण
हार्ट अटैक के निम्न कारण हो सकते है –
- अनियमित आहार, जंक फूड खाना, या अधिक मसालेदार भोजन
- अनुवांशिकता (Hereditary)
- उच्च रक्तचाप के वजह से
- धूम्रपान और मादक द्रव्यों का सेवन
- मानसिक तनाव
- ऑक्सीजन की कमी
- उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर
- शरीर की निष्क्रियता
- डायबिटीज
- महिलाओ में मासिक माहवारी के कारण
हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कुछ महत्व पूर्ण लक्षण निम्न प्रकार है –
- सीने में दर्द, बेचैनी या किसी प्रकार का दबाव
- सास फूलना , पसीना आना।
- लते वक्त या सीढ़ी चढ़ते वक्त होतो में दर्द होना।
- बिना किसी कारण के अत्याधिक थकान महसूस होना
- दिल की धड़कन का कम या ज्यादा होना
- एक या दोनों बाहों, पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट में दर्द महसूस होना
हार्ट अटैक के आयुर्वेदिक उपचार
हार्ट अटैक पड़ने पर आपातकालीन उपचार की आवश्यकता होती है। कुछ दवाइयों एस्पिरिन,थ्रोम्बोलाइटिक्स,एंटीप्लेटलेट एजेंट,दर्द निवारक,बीटा ब्लॉकर्स,ऐस इनहिबिटर,स्टैटिन का आवश्यकता अनुसार कर प्राथमिक उपचार किया जा सकता है और जल्दी से जल्दी नजदीकी डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए । कुछ सावधानियों और आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से हार्ट अटैक से बचा जा सकता है ।
- हेल्दी वेट मेंटेन करें
- नियमित व्यायाम करें
- ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, और कोलेस्ट्रॉल को सामान्य रखें
- तनाव प्रबंधन करने के लिए आप योग और मेडिटेशन करें
- स्वस्थ आहार लें
- धूम्रपान छोड़ें
- ज़्यादा तेल, घी, और ऑयल का सेवन न करें
- विटामिन, मिनरल्स और फाइबर से भरपूर भोजन करें
- लहसुन और अलसी को अपने भोजन में शामिल करें।
- आयुर्वेद के अनुसार अनार हार्ट हेल्थ के लिए सबसे अच्छे फलों में से एक है
- अर्जुन छाल की चाय
- ज्यादा क्षारीय पदार्थो यथा लौकी,तुलसी, हरा धनिया, पोदीने का सेवन करें
- भोजन में सेंधा नमक या काले नमक का सेवन करें